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लंबे दाने वाला चावल, बासमती चावल क्या है? शब्दावली, उपयोग |

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लंबे दाने वाला चावल, बासमती चावल क्या है? शब्दावली, उपयोग |

लंबे दाने वाले चावल से तात्पर्य चावल की उन किस्मों से है, जिनकी विशेषता उनके लंबे, पतले दाने होते हैं, जो आमतौर पर चौड़ाई से चार से पाँच गुना लंबे होते हैं। पकने पर, ये दाने एक साथ चिपक कर अलग-अलग, हल्के और फूले हुए रहते हैं। यह अलग बनावट मध्यम या छोटे दाने वाले चावल की तुलना में उनके कम स्टार्च सामग्री, विशेष रूप से एमाइलोपेक्टिन के कारण होती है। इस श्रेणी में चावल के कई प्रकार शामिल हैं, जिनमें बासमती और जैस्मीन चावल जैसी प्रसिद्ध किस्में, साथ ही अमेरिकी लंबे दाने वाले सफ़ेद और भूरे चावल शामिल हैं। उनका चिपचिपा न होना उन्हें ऐसे व्यंजनों के लिए आदर्श बनाता है जहाँ अलग-अलग अनाज की ज़रूरत होती है।

 

लंबे दाने वाले चावल की विशाल दुनिया में, बासमती चावल एक अत्यधिक बेशकीमती और सुगंधित किस्म के रूप में सामने आता है, जिसे मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान के हिमालय की तलहटी में उगाया जाता है। "बासमती" शब्द स्वयं संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है "सुगंधित", जो इसकी सबसे परिभाषित विशेषता का प्रमाण है: एक नाजुक, पौष्टिक और अक्सर "पॉपकॉर्न जैसी" सुगंध जो पकने पर और भी बढ़ जाती है। बासमती के दाने असाधारण रूप से लंबे और पतले होते हैं, और एक प्रमुख विशेषता यह है कि पकने पर वे अपने मूल आकार से कम से कम दोगुने तक बढ़ जाते हैं, जबकि फिर भी अलग और फूले हुए रहते हैं।

 

भारत में, बासमती चावल पाक कला में एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है, विशेष रूप से उत्तर भारतीय व्यंजनों में, जहाँ इसे अक्सर "चावल का राजा" माना जाता है। इसके अनूठे गुण इसे विशेष अवसरों और उत्सव के भोजन के लिए अपरिहार्य बनाते हैं। अलग-अलग, लम्बे दाने और मनमोहक सुगंध उन व्यंजनों के लिए महत्वपूर्ण हैं जहाँ चावल सिर्फ़ एक भराव नहीं बल्कि एक मुख्य घटक है। यही कारण है कि बासमती को अक्सर समृद्ध ग्रेवी और करी के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका नाजुक स्वाद साथ के व्यंजनों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय पूरक बन जाता है।

 

भारत में बासमती चावल का सबसे प्रतिष्ठित उपयोग बिरयानी की तैयारी में होता है। यह विस्तृत परतदार व्यंजन, जिसमें अक्सर मैरीनेट किया हुआ मांस (चिकन, मटन) या सब्जियाँ होती हैं, बासमती चावल और सुगंधित मसालों के एक जटिल मिश्रण के साथ पकाया जाता है। बासमती के लंबे, अलग-अलग दाने बिरयानी के समृद्ध स्वादों को अवशोषित करने के लिए एकदम सही हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक कौर में इसकी सुगंधित सुगंध समाहित हो। इसी तरह, बासमती पुलाव (पिलाफ़) के लिए पसंदीदा चावल है, जो मसालों, सब्जियों या कभी-कभी मांस के साथ पकाया जाने वाला सुगंधित चावल का व्यंजन है, जहाँ इसकी फूली हुई बनावट और अलग-अलग अनाजों को बहुत महत्व दिया जाता है।

 

इन प्रसिद्ध स्वादिष्ट व्यंजनों के अलावा, बासमती चावल भारत में कुछ मीठे व्यंजनों जैसे खीर (चावल का हलवा) में भी अपना स्थान पाता है। इसकी नाजुक सुगंध और स्वादों को अवशोषित करने की क्षमता इसे इस मलाईदार मिठाई के लिए उपयुक्त आधार बनाती है, जिसे अक्सर इलायची, केसर और नट्स के साथ स्वाद दिया जाता है। यह बहुमुखी प्रतिभा भारतीय पाक कृतियों के स्पेक्ट्रम में बासमती की अभिन्न भूमिका को रेखांकित करती है, रोज़मर्रा के भोजन से लेकर भव्य दावतों तक।

 

संक्षेप में, लंबे दाने वाला चावल, जिसका सबसे प्रसिद्ध भारतीय प्रतिनिधि बासमती चावल है, अपनी अनूठी बनावट और सुगंधित गुणों के लिए मूल्यवान है। चिपचिपे चावल की किस्मों के विपरीत, इसके दाने पकने पर अलग और फूले हुए रहते हैं, जिससे यह जटिल स्वादों को अवशोषित करने के लिए एकदम सही कैनवास बन जाता है। भारत में, बासमती की विशिष्ट सुगंध और लम्बाई इसे बिरयानी और पुलाव जैसे प्रतिष्ठित व्यंजनों के लिए पसंदीदा विकल्प बनाती है, जो उन्हें केवल चावल के व्यंजनों से आगे बढ़ाकर सुगंधित पाक अनुभव में बदल देती है। नमकीन और कुछ मीठे व्यंजनों में इसका व्यापक उपयोग भारतीय व्यंजनों में एक प्रिय और अपरिहार्य प्रधान के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत करता है।

 

 

 

बास्मति चावल चुनने का सुझाव (suggestions to choose long grain rice, basmati chawal, basmati rice)

 

• बाज़ार में बास्मति चावल पहले से पैक किया हुआ या खुला भी मिलता है।

• पैकेट वाले बास्मति चावल खरीदते समय समापन कि दिनाँक जाँच लें क्योंकि बास्मति चावल मे प्रकृतिक तेल होने के कारण वह जल्दी खराब हो सकते है।

• अन्य किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ कि तरह, बास्मति चावल खुला खरीदने पर इस बात का ध्यान रखें कि जिस डब्बे मे चावल रखा हो, वह बंद हो और वह दुकान भरोसेमंद हो।

• चाहे पैकेट या खुला खरीदें, ध्यान रखें कि चावल मे किसी भी प्रकार के पत्थर, कंकड़ या कीड़े ना लगे हो।

 

 

बास्मति चावल के उपयोग रसोई में (uses of long grain rice, basmati chawal, basmati rice in Indian cooking)

 

• पकाने के बाद चावल के दाने फूले हुऐ औे एक दुसरे से चिपकते नही है।

• बास्मति चावल को पकाने के कुछ बेहतरीन तरीके है- स्टीमिंग, उबालना और बेक करना, जहाँ चावल का प्रयोग पुलाव, सलाद और विभिन्न प्रकार के पके हुए व्यंजन में किया जा सकता है।

• बास्मति चावल सॉस और करी के साथ बेहतरीन तरीके से जजता है।

• यह बिरयानी और पुलाव के लिये उपयुक्त है।

• खीर, मिठा केसरी पुलाव और फिरनी भी इससे बनायी जा सकती है।

• पके हुए चावल को दुध या सोया मिल्क के साथ गरम करें। दालचीनी, किशमिश और शहद डालकर स्वादिष्ट पुडिंग बनायें।

• बचे हुए चावल का प्रयोग कर ठंडा चावल आधारित सलाद बनायें जो झट-पट दोपहर के खाने के लिये उपयुक्त है।

• एक आसान और स्वादिष्ट खाने के लिये, चावल और बीन्स को अपनी पसंद कि सब्ज़ी के साथ परोसें।

• बास्मति चावल मे अपनी पसंद के टॉपिंग जैसे सूखे मेवे, तिल और पौष्टिक भूने हुए कुम्भ भी डालकर बना सकते है।

• बास्मति चावल और कटी हुई सब्ज़ीयों को पिटा ब्रैड मे रखें और अपनी पसंद कि ड्रैसिंग उपर डालकर एक आसान और झट-पट दोपहर का खाना बनायें।

 

 

बास्मति चावल संग्रह करने के तरीके 

 

• चावल मे कुछ मात्रा मे वसा होता है इसलिये यह थोड़े जल्दि खराब हो जाते है।

• इसे हवा बंद डब्बे मे रखकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें लेकिन फ्रिज मे ना रखें।

 

 

बास्मति चावल के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of long grain rice, basmati chawal, basmati rice in Hindi)

यह चावल के गुण हैं - चावल कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का एक बड़ा स्रोत है, जो हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके अलावा यह लस मुक्त है। चावल में फाइबर कम होता है और इसलिए दस्त से पीड़ित लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। लेकिन चावल प्रोटीन और बी विटामिन का एक अच्छा स्रोत है।

चावल के अवगुण - चावल जैसे खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है और यह वजन घटाने के लिए, हृदय रोगियों के लिए और डायबिटीज रोगियों के लिए  उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि यह रक्त शर्करा स्तर को प्रभावित करता है। पर यदि चावल को उच्च प्रोटीन या उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों के साथ जोड़ा जाए, तो ग्लाइसेमिक लोड संतुलित हो सकता है। इस प्रकार इसका कॉम्बो एक बेहतर विकल्प है जैसे हमने पांच धन खिचड़ी और तुवर दाल नी खिचड़ी में किया है। क्या आपके लिए सफेद चावल और उकडा चावल अच्छा है, यह पढें?

 

 

 

 

 

 


 

soaked long grain rice

भिगोऐ हुए बास्मति चावल

चावल को पकाने से पहले भिगोने से पके हुए चावल को बेहतरीन रुप मिलता है और पकाने का समय भी कम हो जाता है। चावल को पानी से 3-4 बार धो लें। चावल को कम से कम दो हुने पानी मे भिगोकर 20-30 मिनट रख दें। सारा पानी छानकर ज़रुरत अनुसार प्रयोग करें।

soaked and cooked long grain rice

भिगोए और पकाऐ हुए बास्मति चावल

चावल को 20-30 मिनट भिगोना ज़रुरी होता है। इसके बाद पकाने के लिये, पानी छानकर चावल का दो गुना पानी डालें। इसे प्रैशर कुकर या पॅन में भी पकाया जा सकता है। इसमे 3-4 गुना पानी डालकर पॅन में भी पकाया जा सकता है और पकाने के बाद बचा हुआ पानी फेंक देना चाहिए। चावल को हमेशा थोड़ा कम पाकान चाहोए जिससे चावल के दाने अलग-अलग और सफेद बने रहते हैं। पके हुए चावल के दाने को अपने अंगुठे से दबाकर देखें। अगर नह आसानी से मसल जाये तो समझीये कि चावल पक गये है।

broken long grain rice

टुकड़ा बास्मति चावल

 

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