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कुट्टू क्या है ? ग्लॉसरी, इसका उपयोग, स्वास्थ्य के लिए लाभ, रेसिपी

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कुट्टू , बकव्हीट क्या है? शब्दावली, उपयोग, लाभ, रेसिपी

 

भारत में "कुट्टू" के नाम से जाना जाने वाला बकवीट (Buckwheat) एक आकर्षक और अक्सर गलत समझा जाने वाला घटक है। अपने नाम के बावजूद, यह गेहूं, चावल या जौ जैसे अनाज की तरह वास्तविक अनाज नहीं है। इसके बजाय, यह एक "छद्म-अनाज" है, जिसका अर्थ है कि यह एक फूल वाले पौधे (रबर्ब और सॉरेल से संबंधित) का बीज है जिसका उपयोग अनाजों के समान तरीकों से किया जाता है। यह वानस्पतिक भेद महत्वपूर्ण है, खासकर भारतीय संदर्भ में, क्योंकि यह कुट्टू को धार्मिक उपवास के दौरान एक अनूठा और महत्वपूर्ण भोजन बनाता है।

 

भारत में बकवीट के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक उपवास के साथ इसका जुड़ाव है, विशेष रूप से नवरात्रि, शिवरात्रि और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के दौरान। इन उपवासों के दौरान, कई हिंदू परंपराएं अनाज के सेवन पर रोक लगाती हैं। चूंकि बकवीट तकनीकी रूप से एक बीज है न कि अनाज, यह एक अनुमेय और अत्यधिक मांग वाला भोजन बन जाता है। यह "कुट्टू का आटा" (बकवीट का आटा) को इन शुभ समयों के दौरान कई घरों में एक मुख्य भोजन बनाता है, जिससे भक्तों को अपने धार्मिक आहार दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पौष्टिक भोजन तैयार करने की अनुमति मिलती है।

 

अपनी धार्मिक महत्ता से परे, बकवीट को इसके प्रभावशाली पोषण प्रोफाइल के कारण तेजी से सुपरफूड के रूप में पहचाना जा रहा है। यह स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-मुक्त है, जो इसे सीलिएक रोग या ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले व्यक्तियों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है। कुट्टू आहार फाइबर, उच्च-गुणवत्ता वाले प्रोटीन (सभी आवश्यक अमीनो एसिड सहित) से भरपूर है, और मैग्नीशियम, लोहा और बी विटामिन जैसे विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। ये पोषण संबंधी लाभ बेहतर पाचन, रक्त शर्करा विनियमन, हृदय स्वास्थ्य और समग्र कल्याण में योगदान करते हैं।

 

भारत में बकवीट की खेती मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में होती है। जम्मू और कश्मीर (लद्दाख और कारगिल सहित), उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य प्रमुख क्षेत्र हैं जहां बकवीट उगाया जाता है। ठंडे तापमान, कम मिट्टी की उर्वरता और पानी के तनाव जैसी विविध और कभी-कभी चुनौतीपूर्ण पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए इसकी अनुकूलनशीलता इसे एक लचीली और मूल्यवान फसल बनाती है, खासकर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां अन्य अनाज संघर्ष कर सकते हैं।

 

पूरे भारत में, बकवीट का उपयोग विभिन्न पाक रूपों में किया जाता है। सबसे आम "कुट्टू का आटा" है, जिसका उपयोग विशेष रूप से उपवास के दौरान पराठे और पूरियों जैसी चपटी रोटियाँ बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, बकवीट के दलिया (पूरे या टूटे हुए बीज) को चावल की तरह पकाकर "कुट्टू की खिचड़ी" जैसे व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जो एक पौष्टिक और पेट भरने वाला भोजन है। इसे विभिन्न स्नैक्स, डोसा, पकौड़े और यहां तक कि हलवा जैसे डेसर्ट में भी शामिल किया जाता है, जो नमकीन और मीठे दोनों तरह की तैयारियों में इसकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।

 

हालांकि पारंपरिक रूप से उपवास के दौरान इसका सेवन किया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभों के कारण भारत भर में नियमित आहार में बकवीट की बढ़ती जागरूकता और इसे अपनाया जा रहा है। जैसे-जैसे अधिक लोग ग्लूटेन-मुक्त विकल्प और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ चाहते हैं, कुट्टू अपने उपवास भोजन के स्थान से हटकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए एक मान्यता प्राप्त घटक बन रहा है। यह बदलाव देश के व्यापक पोषण परिदृश्य में इसके योगदान की क्षमता को उजागर करता है।

 

 

 

 

 

कुट्टू के उपयोग रसोई में (uses of buckwheat, kuttu, kutti no daro, kutto in cooking)

फराल वह भोजन है जिसे उपवास के दिनों में खाया जा सकता है। उपवास के दौरान अनाज खाने की अनुमति नहीं होती है और इसलिए यहा कूट्टू सही विकल्प है। आप दिन की शुरूवात कूट्टू, केला और नारियल के साथ बने मीठे फराली पेनकेक्स से कर सकते है और रात के खाने के व्यंजनों  में फराली कूट्कू खिचड़ी खा सकते है। यह खिचड़ी एकदम सही उपवास की रेसिपी है क्योंकि यह केवल कूट्टू, दही, आलू और मूंगफली के साथ बनाई जाती है और मिर्च के साथ स्वादिष्ट होती है।

एक जार स्नैक के लिए जो समान रूप से स्वस्थ और स्वादिष्ट है उसके लिए बेक्ड बकव्हीट पुरी परिपूर्ण हैं। न केवल उन्हें तैयार करना आसान है, पर वे बेक भी किए जाते हैं जिसे अतिरिक्त तेल की आवश्यकता निकल जाती है। 

1. कुट्टू पैनकेक एक स्वस्थ और स्वादिष्ट नाश्ते के लिए एक बढ़िया विकल्प हैं। 

2. कुट्टू और ग्रीन ऐप्पल पोरिज नाश्ते के लिए बेहतरीन रेसिपी है। नाश्ते में ओट्स का दूसरा विकल्प कुट्टू है। 

3. पौष्टिक रेसिपी जैसे कि कुट्टू ढ़ोकला, उच्च फाइबर चिला या कुट्टूऔर मूंग वेजीटेबल खिचड़ी। 

4. अन्य आटो के साथ कुट्टू से आप वफ़ल खमीर और ऐप्पल और कुट्टू पैनकेक बना सकते हैं। 

5. कुट्टू और ज्वार के आटा को मिलाकर आप स्वादिष्ट सुवा कुट्टू रोटी बनाइए। 

6. भारत में उपवास बड़े पैमाने पर किया जाता है इस अवसर पर आप स्वादिष्ट कुट्टू खिचड़ी, आलू और कुट्टू के पकोड़ा जैसे बना सकते है। 

 7. कुट्टू सलाद बनाने के लिए मसालों और सॉस के साथ हरी मटर, काबूली चना इत्यादि डालकर रमणीय बनाओ। 

8. जापान में कुट्टू का उपयोग पारंपरिक कुट्टू सोबा नूडल्स बनाने के लिए किया जाता है। 

9. रूस के लोग कूट्टू का उपयोग ब्लिनिस नामक पैनकेक बनाने के लिए किया जाता है, जिसे कैवियार के साथ परोसा जाता है। 

10. नियमित डोसा जो आप ब्रेकफास्ट में लेते है उसकी जगह कूट्टू डोसा एक स्वस्थ विकल्प नाश्ते में उपयोग कीजिए। 

11. ब्रेड को पसंद करने वालों के लिए आप घर का बना हुआ स्वस्थ कूट्टू और क्विनोआ ब्रेड आज़माएं।

 

 

ग्लाइसेमिक इंडेक्स of कुट्टू, Buckwheat

कुट्टू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 49 होता है, जो कम गिना जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स का मतलब आपके रोज़ के खाने में पाए जाने वाला कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थ आपके रक्त शर्करा या ग्लूकोज़ के स्तर को कितनी तेज़ी से बढता है उसका क्रम होता है। 0 से 50 तक के खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, 51 से 69 तक के खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मध्यम होता है और 70 से 100 तक का ग्लाइसेमिक इंडेक्स उच्च माना जाता है। उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले पदार्थ वजन घटाने और मधुमेह के लिए उपयुक्त नहीं होते। कुट्टू जैसे खाद्य पदार्थ जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और यह धीरे–धीरे अवशोषित होते हैं, इसलिए यह पदार्थ रक्त शर्करा को तुरंत बढ़ने नहीं देते। ऐसे पदार्थ वजन घटाने के लिए और मधुमेह के लिए उपयुक्त होते हैं। 


 

कुट्टू का चयन कैसे करें

• कुट्टू अख्खा, टुकड़े या आटा के रूप में बेचा जाता है। रेसिपी के अनुसार चुनें।

 

• खरीदने से पहले पैकिंग, सामग्री और पैकिंग की तारीख की जांच कर लें।

• यह किसी भी गंदगी, घास, कंकड़ आदि से मुक्त होना चाहिए।

• कुट्टू चाहे थोक में या पैकेट में खरीदिये मगर यह सुनिश्चित कर लें की कोई गीलापन न रहें। 


 

 

 

 

कुट्टू के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of buckwheat, kuttu, kutti no daro, kutto in hindi)

 कूट्टू आयरन का एक बहुत अच्छा स्रोत है और एनीमिया (anaemia ) को रोकने के लिए अच्छा है। फोलेट से भरपूर, यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी अच्छा भोजन माना जाता है। कूट्टू में उच्च फाइबर है, जो आपके दिल को स्वस्थ है और मधुमेह के लिए भी अनुकूल रखता है। कूट्टू प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है और शाकाहारियों के लिए उत्कृष्ट विकल्प है। कूट्टू के 13 लाभ यहाँ देखें और पढें  यह आपके लिए क्यों अच्छा है।

 


 

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