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आंवला, अमला क्या है ? ग्लॉसरी, इसका उपयोग, स्वास्थ्य के लिए लाभ, रेसिपी

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आंवला, अमला क्या है? शब्दावली | लाभ, उपयोग |

आँवला, जिसे वैज्ञानिक रूप से फिलांथस एम्ब्लिका या एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस के नाम से जाना जाता है, भारतीय संदर्भ में सिर्फ एक फल से कहीं बढ़कर है; यह देश की संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा, पाक प्रथाओं और यहां तक कि आध्यात्मिक मान्यताओं में गहराई से समाया हुआ है। अक्सर इसे भारतीय करौंदा कहा जाता है, आँवला अपने विशिष्ट खट्टे और कसैले स्वाद के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें विरोधाभासी रूप से मीठे, कड़वे और तीखे स्वाद भी होते हैं। इस छोटे, गोल, पीले-हरे फल को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि यह ब्रह्मा के आँसुओं से ब्रह्मांड में बना पहला वृक्ष है, जो अमरता और पोषण के विषयों को दर्शाता है।

 

भारत में, आँवला आयुर्वेद में एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है, जो चिकित्सा की प्राचीन भारतीय प्रणाली है, जहाँ इसे "रसायन" या एक शक्तिशाली कायाकल्पकर्ता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह तीनों दोषों - वात, पित्त और कफ - को संतुलित करता है, हालांकि यह विशेष रूप से अपनी शीतलन गुणों के कारण पित्त को शांत करने के लिए जाना जाता है। आँवला अपनी असाधारण पोषण संबंधी प्रोफाइल के लिए मनाया जाता है, विशेष रूप से इसकी अविश्वसनीय रूप से उच्च विटामिन सी सामग्री, जिसे अक्सर संतरे में पाए जाने वाले से 20 गुना अधिक बताया जाता है। यह इसे प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने के लिए एक पावरहाउस बनाता है।

 

अपनी औषधीय शक्ति से परे, आँवला भारतीय पाक परंपराओं में एक मुख्य आधार है। अपनी खटास के कारण, इसे शायद ही कभी कच्चा खाया जाता है। इसके बजाय, इसे विभिन्न प्रकार की लोकप्रिय तैयारियों में बदल दिया जाता है। आँवला मुरब्बा, एक मीठा परिरक्षित, एक सामान्य व्यंजन है, जबकि आँवला कैंडी (सूखे और मीठे टुकड़े) एक लोकप्रिय नाश्ता है। इसका व्यापक रूप से अचार बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है, जो भोजन के साथ एक तीखा और कभी-कभी मसालेदार संगत प्रदान करता है, और चटनी जो भारतीय व्यंजनों में एक ज़िंग जोड़ती है। इसकी अनूठी स्वाद प्रोफाइल इसे रसोई में एक बहुमुखी घटक बनाती है।

 

आँवला का उपयोग पूरे भारत में सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल में भी काफी होता है। यह पारंपरिक हेयर ऑयल में एक प्रमुख घटक है, विशेष रूप से बालों के विकास को बढ़ावा देने, जड़ों को मजबूत करने, समय से पहले बालों को सफेद होने से रोकने और रूसी का मुकाबला करने के लिए, इसकी समृद्ध एंटीऑक्सीडेंट और लौह सामग्री के कारण। कई भारतीय घरों में आँवला पाउडर को पानी या अन्य सामग्री के साथ मिलाकर हेयर मास्क के रूप में उपयोग किया जाता है। यह विभिन्न स्किनकेयर फॉर्मूलेशन में भी पाया जाता है, जो धब्बों को कम करने, छिद्रों को कसने और स्वस्थ, चमकदार त्वचा में योगदान करने की अपनी क्षमता के लिए मूल्यवान है।

 

फल की बहुमुखी प्रतिभा का मतलब है कि इसे पूरे देश में विभिन्न रूपों में सेवन किया जाता है। ताजे आँवला के रस से, जो इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए रोजाना सेवन किया जाता है, खासकर खाली पेट पाचन और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, आँवला पाउडर (चूर्ण) तक जिसे पानी या शहद के साथ मिलाया जाता है, इसके सेवन के तरीके विविध हैं। कई ग्रामीण और शहरी घरों में भी, आँवले को आसान भंडारण और नियमित उपयोग के लिए सुखाया और पीसा जाता है, जिससे इसके लाभ साल भर सुलभ रहते हैं।

 

संक्षेप में, भारत में आँवला केवल एक फल नहीं बल्कि समग्र कल्याण का प्रतीक है। प्राचीन पौराणिक ग्रंथों से लेकर आयुर्वेदिक फार्मेसियों तक, पारंपरिक रसोई से लेकर आधुनिक ब्यूटी पार्लरों तक इसकी यात्रा, इसके गहरे सांस्कृतिक महत्व और व्यावहारिक उपयोगिता को रेखांकित करती है। यह भोजन को दवा के रूप में देखने के भारतीय दर्शन का प्रतीक है, जो न केवल पोषण प्रदान करता है बल्कि निवारक और चिकित्सीय लाभ भी प्रदान करता है, जिससे यह भारतीय जीवन शैली का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाता है।

 

भारत में चार प्रकार के आँवले मिलते हैं। वह हैं:

बनारसी – आँवले का एक प्रकार जो अन्य विकल्प की तुलना में जल्दी पक जाते हैं, और साथ ही यह जल्दी खराब हो जाते हैं। इनका प्रयोग खाने में बहुत ज़्यादा नहीं किया जाता है।

 

चकाईया – यह दूसरे साल में भरपुर मात्रा में उत्तपन्न होते हैं, और आँवले के अन्य विकल्प की तुलना में इनके फल ज़्यादा रेशांक वाले और छोटे होते हैँ। हालांकि, छोटे चकाईया आँवले के कम रेशांक वाले विकल्प भी होते हैं, जिनका प्रयोग केन्डी और प्रिज़र्व बनाने के लिए किया जाता है।

 

फ्रान्सिस्- फ्रान्सिस् या हाथीझूल आँवले के कुछ विकल्प का उत्पादन बहुत ज़्यादा और जल्दी भी होता है, जो इन्हें आँवले आधारित पदार्ध बनाने के उत्पादकों के लिए पसंदिदा चुनाव बनाता है।

 

जंगली हिमालयन आँवला – यह आँवले की एक खास नस्ल है जिनके फल छोटे होते हैं, और ठंड के मौसम में यह अच्छी तरह पनपते हैं। इन्हें कभी-कभी उत्तर अमरीका जैसे अन्य महाद्वीप में उगाया जाता है।

 

अन्य नाम

गूसबेरी, भारतीय गूसबेरी, अम्लका, अमला, अम्लाकी, नेल्लीकाई, अओन्ला

 

आंवला, अमला चुनने का सुझाव (suggestions to choose amla, Indian gooseberry)

 

• व्यंजन की आवश्यक्ता अनुसार या आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा सुझाव अनुसार, छोटे या बड़े आँवलों में से चुने।

• इस बात का ध्यान रखें कि फल साफ और बिना किसी दाग या चीरे के हो।

• उनका आकार गोल और लंबे चीरे वाला होने चाहिए।

• यह सुनिश्चित करें कि इनका रंग हरा-पीला हो। भुरे रंग वाले या दाग वाले आँवले ना चुनें।

 

 

आंवला, अमला के उपयोग रसोई में (uses of amla, Indian gooseberry in Indian cooking)

 

• आँवले का प्रयोग अकसर तीखे अचार और मुरब्बा बनाने में किया जाता है।

• इनका ताज़ा रस निकालकर और थोड़ा शहद डालकर इसके कड़वेपन को कम किया जा सकता है और इस रस को पीया जा सकता है।

• इन्हें सूखाकर और पीसकर आँवले का पाउडर बनाया जा सकता है, जिसका प्रयोग पौष्टिक पेय पदार्थ बनाने में किया जा सकता है।

• ताज़े स्लाईस्ड आँवले को शक्कर की चाशनी में पकाकर, फ्रूट टार्टस्, केक, चीज़केक आदि के टॉपिंग बनाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

• आँवले के सिरप और क्रश बनाए जा सकते हैं, जिनका प्रयोग अकसर मॉकटेल बनाने में किया जाता है।

• जब आँवले का मौसम हो, दक्षिण भारतीय इन्हें अकसर नमक वाले पानी में हल्का उबालकर, पकाए हुए पानी के साथ काँच या चिनीमिट्टी के बर्तन में रखते हैं। सभी आँवले के अच्छी तरह ढ़क जाने तक का पानी होना चाहिए। इसे नीर नेल्लीकाई कहते हैं, जिन्हें महिने भर के लिए फ्रिज में रखा जा सकता है।

 

 

आंवला, अमला संग्रह करने के तरीके 

 

• ताज़े फल को ज़िपलॉक बैग या बंद प्लास्टिक बैग में रखकर, फ्रिज मे रखकर संग्रह करें।

 

 

आंवला, अमला के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of amla, Indian gooseberry in Hindi)

विटामिन सी से भरे आंवले आपकी प्रतिरक्षा (immunity) को बढ़ावा देने और आपके शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी कार्य करता है और आपकी त्वचा में फिर से युवापन प्रदान करने, आपके रक्त को शुद्ध करने, कैंसर के जोखिम को कम करने और उम्र बढ़ने के संकेतों को धीमा करने में मदद करता है

 


 

chopped amla

कटा हुआ आँवला

आँवले को काटने का सबसे अच्छा तरीका होता है उनकी लंबी लकीरों के बराबर काटकर, खोलना और अंदर का गुदा निकालना, जिससे आपको अस्पॅष्ट फाँके प्राप्त होंगी। जहाँ इसे हल्के उबले हुए आँवले में आसानी से किया जाता है, कच्चे आँवले में ऐसा करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, आँवले को काटने के बोर्ड पर लंबा रखें और डंडी के आसपास 4 चीरे लगाऐं, वैसा ही जैसा आप वुड एप्पल में करते हैँ। बीज निकालकर, बचे हुए फाँक को काट लें और जरुरत अनुसार प्रयोग करें। अगर आपको इसका स्वाद पसंद हो, तो आप इन टुकड़ो को ऐसे ही खा सकते हैं, अन्यथा आप इनका प्रयोग अचार और मुरब्बा बनाने के लिए कर सकते हैं।

grated amla

कसे हुए आँवले

आँवले को अच्छी तरह पकड़कर, एक तरफ से कसना शुरु करें। (जहाँ डंडी दिखे, उन किनारों से शुरुआत ना करें)। बीज के भाग तक पहुँचने तक, पलटकर दुसरी ओर से कसें। बीज निकालकर फेंक दें और कसे हुए आँवले को ज़रुरत अनुसार प्रयोग करें। इनका प्रयोग अकसर मुरब्बा और अचार बनाने के लिए किया जाता है।

amla wedges

अमला वेजस्

 

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