मावा ( Mawa )
Last Updated : Nov 30,2020
मावा क्या है, इसका उपयोग,स्वास्थ्य के लिए लाभ, रेसिपी, Mawa khoya in Hindi
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अन्य नाम
खोया, खोवा, मावो
मावा,खोया क्या है?
मावा, जिसे खोया के नाम से भी जाना जाता है, भारत में दोनों नमकीन और मीठे व्यंजनो में इसकि खास जगह है। आसानी से मिलने वाला और अपने मुलायम दरदरे रुप के लिये मशहुर, मावा, गाढ़ा दूध, अपने मेवेदार स्वाद के साथ एक मुख्य दुग्ध पदार्थ है जिसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। हालाँकि थोड़ा थका देने वाला है, बचे हुए दूध को अर्ध ठोस पदार्थ प्राप्त होने तक उबाला जाता है। जब इसे दूध और शक्कर के साथ मिलया जाये तो यह एक नया रुप अपना लेता है। सामग्री और नमी की मात्रा कि मावा कि बनावट में मुख्य भूमिका होती है। स्पष्टः मावा गुजरात से उत्तपन हुआ था, लेकिन आज यह भारत के हर कोने में मिलता है।
चूरा किया हुआ गुलाब जामुन का मावा (crumbled gulab jamun mawa)
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चूरा किया हुआ मावा (crumbled mawa)
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मावा का चूरा करने के लिये, मावा का एक छोटा टुकड़ा अपने हाथ मे लेकर बारीक चूरा बना लें। इसका अक्सर हल्वा और लड्डू बनाने के लिये प्रयोग किया जाता है।
कसा हुआ मावा (grated mawa)
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मावा का एक बड़ा टुकड़ा लेकर उसे किसनी से घिसें। किसनी में छेद अनुसार मावा के मोटे या पतले लच्छे निकल आयेंगे। ज़रुरत अनुसार मोटे या पतले छेद वाली किसनी का प्रयोग करें।
गुलाब जामुन का मावा (gulab jamun mawa)

चुनने के सुझाव मावा
• मावा खरिदने दौरान हल्के पीले रंग का और जो छूने पर ठिस लगे, एैसा मावा चुने।
• किसी भी प्रकार के काले दाग या फफूँदी दाग दिखने पर ना खरीदें।
• खट्टी सुगंध आने पर भी ना खरीदें।
मावा के उपयोग रसोई में (uses of shah jeera in cooking )
1.
केसर पेड़ा रेसिपी : केसर और इलायची के स्वाद से भरे और शानदार मावे से बने केसर पेढ़े की अपनी ही कुछ खास बात है। तैयार मावे का प्रयोग करने से हमने इसे बनाने के समय को कम किया है, जिसकी आवश्यक्ता इस पारंपरिक मिठाई को बनाने के लिए होती है।
2.
गुलाब जामुन एक पंजाबी मिठाई है जो न केवल रेस्तरां में बल्कि उत्तर भारत की सड़कों पर भी परोसी जाती है।
3. खोया के साथ हमारा
गाजर का हलवा एक पंजाबी गाजर का हलवा रेसिपी है। कई शॉर्टकट हो सकते हैं, लेकिन कभी-कभी मिठाई बनाने की पारंपरिक विधि सबसे रीच स्वाद देती है! प्रामाणिक गाजर का हलवा का यह प्रामाणिक नुस्खा साबित होता है!
4. मावा मोदक रेसिपी
5. मोहनथाल एक और मशहुर गुजराती मिठाई है। इस मिठाई को सही तरह से बनाना ज़रुरी होता है, कयोंकि एक तार वाली चाशनी इस व्यंजन को अच्छी तरह से बनाने का मूल है। अगर बहुत ज़्यादा पक जाए, इस व्यंजन के रंग और स्वाद पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही, इस व्यंजन को नरम रुप प्रदान करने वाले मावा को बेसन के अच्छी तरह सुनहरा होने के बाद डालने के बाद मिलाना चाहिए।
• मावे के छोटे गोले बनायें, चपटाकर नारीयल का मिश्रण रखें और फिर गोल आकार में बना लें। अपनी हथेली से मुलायम लड्डू बना लें।
• सभी भारतीय मीठाईयों में बेहतरीन, इस दूध संबंधित मीठाई को खास त्यौहारों में बनाया जाता है, खास तौर पर दिपावली में।
• मावा काफी भारतीय मीठाईयों का आधार है, जैसे बर्फी। इसे पिसी हुई पिस्ता और पारंपरिक चाँदी वर्क से सजायें।
संग्रह करने के तरीके मावा
• मावा को डीप फ्रिज़र में हफ्ते भर से १५ दिनों के लिये संग्रह किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विषयक
• चूँकी मावा एक दुग्ध पदार्थ है, यह मज़बूत हड्डीयों के लिये सहायक होता है क्योंकि यह विटामीन डी और कॅलशियम और साथ ही विटामीन के का अच्छा स्रत्रोत है, यह तीन आहार तत्व मज़बूत हड्डीयों के लिये ज़रुरी होते है।
• साथ ही यह राईबोफ्लेविन और विटामीन बी१२ के अच्छा स्रत्रोत है, यह दोनों बी विटामीन हृदवाहीनी के स्वास्थ्य और ऊर्जा उत्पादन के लिये ज़रुरी होते है। साथ ही यह विटामीन ए का भी अच्छा स्रोत है।
• अनुसंधान से यह देखा गया है की अधिक मात्रा में दूध संबंधित पदार्थ का, दोनों बच्चे औेर बड़ों से ग्रहण करना हड्डीयों को मज़बूत कर ऑस्टीयोपौरेसीस से बचने में मदद करता है।
• इतने फयदे होने के बाद भी, याद रखें कि किसी भी चीज़ कि अति स्वास्थ्य के लिये, उनमें अधिक मात्रा मे वसा होने के कारण, हानिकारक होता है।
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