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नारियल तेल क्या है? शब्दावली, उपयोग, रेसिपी, लाभ

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नारियल तेल क्या है? शब्दावली, उपयोग, रेसिपी, लाभ

 

नारियल का तेल एक बहुमुखी खाद्य तेल है जो परिपक्व नारियल के गिरी या गूदे से निकाला जाता है। भारतीय संदर्भ में, यह सिर्फ खाना पकाने का माध्यम नहीं है; यह व्यंजनों से लेकर आयुर्वेदिक उपचारों और यहां तक कि व्यक्तिगत देखभाल तक, पारंपरिक प्रथाओं में गहराई से निहित है। इसकी प्रसंस्करण के आधार पर, आपको विभिन्न प्रकार मिलेंगे: वर्जिन नारियल तेल (वीसीओ), जो ताजे नारियल के गूदे से बिना रासायनिक प्रसंस्करण के बनाया जाता है, इसकी विशिष्ट नारियल की सुगंध और स्वाद को बरकरार रखता है, और रिफाइंड, ब्लीच्ड और डीओडोराइज्ड (आरबीडी) नारियल तेल, जिसका स्वाद और गंध अधिक तटस्थ होता है, जिससे यह पाक उपयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपयुक्त होता है।

 

भारत भर में नारियल तेल के उपयोग क्षेत्र के अनुसार काफी भिन्न होते हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों जैसे केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में, यह प्राथमिक खाना पकाने का वसा है, जो लगभग हर व्यंजन को अपनी विशिष्ट सुगंध प्रदान करता है। करी में तड़के से लेकर स्नैक्स तलने तक, इसकी उपस्थिति असंदिग्ध है। उत्तर की ओर बढ़ते हुए, जबकि खाना पकाने के तेल के रूप में कम प्रमुख है, इसका उपयोग अभी भी विशिष्ट क्षेत्रीय विशिष्टताओं के लिए किया जाता है और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक घरों में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। अपनी अनूठी बनावट और हल्की मिठास के कारण यह कई भारतीय मिठाइयों और कन्फेक्शनरी में भी एक सामान्य घटक है।

 

रेसिपी के उदाहरण नारियल तेल की बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाते हैं। केरल में, आपको अवियल (मिली-जुली सब्जी का स्टू) और विभिन्न मछली करी मिलेंगी जो उदार मात्रा में नारियल तेल के साथ तैयार की जाती हैं, जिसका उपयोग अप्पम और इडियप्पम जैसे क्लासिक व्यंजनों में तड़के के लिए भी किया जाता है। तमिलनाडु में, यह पोरियाल्स (सब्ज़ियां) और कुछ सांभर किस्मों को बनाने के लिए आवश्यक है। नमकीन व्यंजनों से परे, यह लड्डुओं और बरफियों (भारतीय मिठाइयों) में एक लोकप्रिय वसा है, जो उनकी बनावट और शेल्फ जीवन में योगदान देता है। वैश्विक स्वास्थ्य खाद्य प्रवृत्तियों में इसकी बढ़ती लोकप्रियता इसे भारतीय-प्रेरित स्मूदी और ग्रेनोला बार में भी उपयोग करती है।

 

नारियल का तेल पूरे भारत में आसानी से उपलब्ध है। आप इसे वस्तुतः हर किराने की दुकान, सुपरमार्केट और स्थानीय किराना दुकान में पा सकते हैं, खासकर दक्षिणी राज्यों में जहाँ यह एक घरेलू स्टेपल है। इसकी व्यापक मांग ने ऑनलाइन खुदरा प्लेटफार्मों पर भी इसकी प्रमुख उपस्थिति का नेतृत्व किया है। वर्जिन और रिफाइंड दोनों किस्में सुलभ हैं, जो विभिन्न वरीयताओं और बजटों को पूरा करती हैं। यह आसान पहुंच इसे अपने आहार या जीवन शैली में शामिल करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सुविधाजनक बनाती है।

 

नारियल तेल के फायदे व्यापक रूप से प्रचारित किए जाते हैं, जो इसकी लोकप्रियता में योगदान करते हैं। यह मध्यम-श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स (एमसीटी) से भरपूर होता है, जो लंबी-श्रृंखला वाले फैटी एसिड की तुलना में अलग तरह से चयापचय होते हैं, जिससे ऊर्जा का एक त्वरित स्रोत मिलता है। एमसीटी वजन प्रबंधन में सहायता करने और चयापचय को बढ़ावा देने के लिए माने जाते हैं। नारियल तेल में लॉरिक एसिड भी होता है, जिसमें रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो प्रतिरक्षा स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। इसे त्वचा और बालों की देखभाल में इसके लाभों के लिए भी पहचाना जाता है, जिसका उपयोग अक्सर प्राकृतिक मॉइस्चराइजर, कंडीशनर और ऑयल पुलिंग के लिए किया जाता है।

 

जबकि इसके पाक संबंधी उपयोग गहन हैं, भारतीय दैनिक जीवन में नारियल तेल का समग्र एकीकरण - धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर पारंपरिक चिकित्सा और सौंदर्य शासन तक - इसके गहरे सांस्कृतिक महत्व को उजागर करता है। इसका अनूठा स्वाद, कथित स्वास्थ्य और कल्याण लाभों के साथ मिलकर, आधुनिक पाक प्रवृत्तियों के अनुकूल होते हुए अपनी पारंपरिक जड़ों को बनाए रखते हुए भारतीय घरों में इसकी निरंतर प्रमुखता सुनिश्चित करता है।

 

नारियल का तेल चुनने का सुझाव

• जैविक विधुद्ध और साफ नारियल का तेल बाज़ार मे आसानी से मिलता है।

• अलग-अलग ब्रेंड मे छोटे और बड़े पैकेट मिलते है। अच्छा ब्रेंड चुनकर पैकेट में फटने के चिन्ह पर ध्यान दें।

• अपनी ज़रुरत अनुसार बड़े या छोटे पैकेट चुने क्योंकि नारियल का तेल लंबे समय तक रखने पर खराब हो जाता है।

 

नारियल का तेल रसोई मे उपयोग.  uses of coconut oil in Indian cooking. 

 

• नारियल का तेल अक्सर खाना बनाने के लिये प्रयोग किया जाता है, खासतौर पर तलने के लिये, क्योंकि इस तेल को गरम करने से ज़्यादा धूँआ नही बनता।

• इस बात का ध्यान रखना होगा कि नारियल का तेल हर प्रकार के खाने के लिये उपयुक्त नही होता। एैसा इसलिये होता है क्योंकि इस तेल के खास गुण इसे बेक और तलने के लिये उपयुक्त बनाते है।

• तटीय श्रेत्र में करी अक्सर नारियल के तेल से बनयी जाती है और इनका स्वाद बेहतरीन होता है।

• नारियल के तेल से बने खाने और अन्य तेल से बने खाने के स्वाद को आसानी से पहचाना जा सकता है।

 


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नारियल का तेल संग्रह करने के तरीके

• शुद्ध हो या अशुद्ध, सभी तेल गर्माहट, रोशनी और हवा से सूक्ष्म होते है और कुछ समय बाद खराब हो जाते है।

• खराब तेल से बुरी गंध आती है और खट्टा स्वाद होता है और साथ हौ पौष्टिक्ता कम हो जाती है। इसलिये तेल को हमेशा साफ, सूखी जगह पर रखना चाहिए।

नारियल का तेल स्वास्थ्य विषयक

• आहार विशेषज्ञ अक्सर नारियल तेल से बने खाने को अपनाने कि सलाह देते है क्योंकि यह सबसे पौष्टिक माना जाता है।

• नारियल के तेल मे मुख्य रुप से मिडीयम चेन फॅटी एसिडस् (एम.सी.एफ.ए), जिसे मिडीयम चेन ट्राईग्लीसराईडस् (एम.सी.टी) भी कहा जाता है, प्रस्तुत होता है। एम.सी.एफ.ए ही नारियल के तेल को चिकित्सीक गुण प्रदान करता है।

• लौरीक एसिड भी स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है और नारियल के तेल मे लगभग ५०% लौरीक एसिड होता है। इसके बाद केवल माँ के दूध मे इतनी मात्रा मे यह पाया जाता है। नारियल के तेल मे प्रस्तुत मिडीयम चेन फॅट माँ के दूध के जैसा होता है और समान पौष्टिक तत्व होता है।

• नारियल के तेल कि दुसरी खास बात यह है कि यह वसा होने के बाद भी वजन कम करने मे मदद करता है, जिसकी वजह इसमे प्रस्तुत मिडीयम चेन फॅटी एसिडस् है। यह फॅटी एसिडस् अन्य फॅट कि तरह रक्त मे बहते नही है, लेकिन सीधे लीवर मे पहुँचकर उर्जा, जैसे कार्बोहाईड्रेट मे बदल जाते है। इसलिये हमारा शरीर नारियल का तेल उर्जा बनाने के लिये प्रयोग करता है और वसा के रुप मे जमा नही होता।

• नारियल का तेल पाचन तंत्र को सुधारने मे और विभिन्न प्रकार के पेट और पाचन संबंधित बिमारी जैसे ईरिटेबल बाउल सिंन्ड्रोम, से बचाता है। नारियल तेल मे प्रस्तुत सैच्यूरेटड वसा मे सुक्ष्मजीवीरोधी गुण होता है जो किटाणू, फफूंद, आदि से बचाने मे मदद करता है, जिनसे अपच हो सकता है। नारियल का तेल अन्य आहार तत्व जैसे विटामीन, मिनरल और अमौनो उसिड के अवचूषण मे मदद करता है।

• नारियल का तेल प्रतिरक्षी तंत्र के लिये अच्छा होता है क्योंकि इसमे सुक्ष्मजीवीरोधी लिपिड होते है, जैसे लौरिक एसिड, कॅपरिक एसिड और कॅपरिलीक एसिड, जिनमे

फफूंदरोधी, किटाणुरोधी और वायरसरोधी गुण होते है।

• संक्रामक रोग पर लगाने पर, यह एक रसायनीक परत बनाता है, जो संक्रामित जगह पर बाहार कि धुल, फफूंद, हवा, किटाणु और वायरस से बचाता है। नारियल के तेल कि औषधिक गुण चोट ठीक करने मे भी मदद करते है। यह टुटे हुए ऊतक को सुधारने मे मदद करता है।

• नारियल का तेल विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोग के लिये लाभदायक है, क्योंकि इसमे फफूंदरोधी, किटाणुरोधी और वायरसरोधी गुण होते है। इसलिये यह इन्फल्य़ूएन्ज़ा, मीसलस्, हैपटायटीस, हर्पीस जैसी अन्य बिमारियो मे लाभदायक होता है। छाले, गले कि खराश, मूत्र मार्ग संक्रामण, नीमोनिया, प्रमेह आदि के किटाणु को भी नष्ट करता है। नारियल का तेल दाद, एथलीट्स फुट, छाला, डायपर कि फुंसी जैसी बिमारी पैदा करने वाले फफूंद और यीस्ट से बचाता है।

• नारियल के तेल मे प्रस्तुत मिडीयम चेन ट्रायग्लीसराईड्स और फॅटी एसिड्स लीवर संबंधित बिमारीयों से बचाते है क्योंकि यह पदार्थ लीवर तक पहुँचते ही आसानी से उर्जा मे बदल जाते है जिसकि वजह से लीवर का काम कम हो जाता है और इसमे वसा जमा होने से बच जाता है।

• नारियल का तेल वृक्क और पित्ताशय कि बिमारीयो से बचाता है। यह किडनी के पत्थर को घुलने मे भी मदद करता है।

• नारियल का तेल आपके शरीर कि ज़रुरी मिनरल को अवशोषण कि क्षमता बढ़ा देता है। जैसे कॅलशियम और मॅगनीशियम, जो हड्डीयों कि मज़बुती के लिये ज़रुरी माने जाते है।इसलिये नारियल का तेल महिलाओं के लिये लाभदायक होता है जिन्हे कम उम्र मे ही ओस्टीयोपोरोसिस होने कि आशंका होती है।

 


 

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